गर्मी के मौसम में अगर कोई फल सबसे ज़्यादा पसंद किया जाता है, तो वह है तरबूज (Watermelon) — रसदार, मीठा और ठंडक देने वाला। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आप अपने घर की छत पर ही टायरों में तरबूज उगा सकते हैं? सुनने में अजीब लगता है, लेकिन यह तरीका न केवल आसान है, बल्कि जगह की कमी वाले लोगों के लिए एक बेहतरीन समाधान भी है।
आज हम इस ब्लॉग में आपको बताएंगे कि कैसे पुराने टायरों का उपयोग करके आप छत पर तरबूज उगा सकते हैं और कम जगह में भी बड़ा उत्पादन पा सकते हैं। आइए जानते हैं इस अनोखी और कारगर तकनीक के बारे में विस्तार से।
1. क्यों करें टायरों में तरबूज की खेती?

पुराने टायर हमारे घरों या गैराजों में अक्सर बेकार पड़े रहते हैं। लेकिन अगर थोड़ी रचनात्मकता दिखाई जाए, तो ये टायर पौधों के लिए उत्तम ग्रोथ बेड बन सकते हैं।
टायरों में तरबूज उगाने के फायदे:
- जगह की बचत – छोटे घरों या अपार्टमेंट की छत पर भी संभव।
- मिट्टी का नियंत्रण – आप खुद तय कर सकते हैं कौन-सी मिट्टी और खाद डालनी है।
- तापमान संतुलन – टायर गर्मी को अवशोषित करते हैं, जिससे पौधों की वृद्धि तेज़ होती है।
- पुनर्चक्रण (Recycling) – पुराने टायरों का उपयोग पर्यावरण के लिए भी लाभदायक है।
2. आवश्यक सामग्री (Materials Needed)

छत पर टायरों में तरबूज उगाने के लिए बहुत महंगे उपकरणों की ज़रूरत नहीं होती। बस कुछ बुनियादी चीज़ें चाहिए:
- पुराने टायर (2–3) – बड़े आकार के बेहतर रहेंगे।
- गमले या ग्रो बैग की मिट्टी – उपजाऊ और हवादार होनी चाहिए।
- कंपोस्ट या गोबर की खाद – जैविक खाद तरबूज के लिए उत्तम होती है।
- रेत और नारियल की भूसी (Coco peat) – मिट्टी को हल्का और जलनिकासी योग्य बनाए रखते हैं।
- तरबूज के बीज – अच्छी गुणवत्ता वाले हाइब्रिड या देसी बीज चुनें।
- पानी देने के लिए पाइप या स्प्रे बोतल।
- सहारा देने के लिए रस्सी या नेट – बेलों को चढ़ाने के लिए आवश्यक।
3. टायर की तैयारी (Preparing the Tires)

टायर में खेती करने से पहले उसे साफ और सुरक्षित बनाना जरूरी है।
- पहले टायर को साबुन और पानी से धो लें ताकि तेल या ग्रीस निकल जाए।
- टायर के नीचे की ओर कुछ छेद (drainage holes) बना लें ताकि अतिरिक्त पानी निकल सके।
- चाहें तो टायर के अंदर एक प्लास्टिक शीट या जूट बैग बिछा सकते हैं जिससे मिट्टी नीचे से न गिरे।
- अब इस टायर को छत पर ऐसी जगह रखें जहाँ पूरी धूप (6–8 घंटे) आती हो।
4. मिट्टी का मिश्रण तैयार करना (Preparing the Soil Mix)
तरबूज की अच्छी फसल के लिए मिट्टी उपजाऊ, हल्की और जलनिकासी योग्य होनी चाहिए।
एक उत्तम मिश्रण के लिए यह फार्मूला अपनाएँ:
- 40% बगीचे की मिट्टी
- 30% जैविक कंपोस्ट या गोबर की खाद
- 20% रेत
- 10% नारियल की भूसी (Coco peat)
सभी चीज़ों को अच्छे से मिलाकर टायर में भर दें। ऊपरी सतह पर 2–3 इंच जगह खाली रखें ताकि पानी देते समय मिट्टी बाहर न निकले।
5. बीज बोने की प्रक्रिया (Sowing the Seeds)
- प्रत्येक टायर में 2–3 बीज बोएं।
- बीज को मिट्टी में लगभग 1 इंच गहराई तक दबाएँ।
- बीजों के ऊपर हल्का पानी छिड़कें।
- 7–10 दिनों में अंकुर निकलने लगेंगे।
- जब पौधे 4–5 पत्तियों के हो जाएँ, तो केवल एक या दो मजबूत पौधे छोड़ दें और बाकी हटा दें।
6. सिंचाई और देखभाल (Watering and Care)

- तरबूज को नियमित नमी की आवश्यकता होती है, परंतु मिट्टी में पानी भरना नहीं चाहिए।
- गर्मियों में रोज़ हल्का पानी दें।
- जब फल बनने लगें, तो सिंचाई की मात्रा थोड़ा कम करें ताकि स्वाद अधिक मीठा बने।
- जैविक खाद (जैसे वर्मी कंपोस्ट या केंचुआ खाद) हर 15 दिन में डालें।
- पौधों को सहारा देने के लिए जाली या रस्सी लगाएँ ताकि बेलें फैल सकें।
7. धूप और तापमान (Sunlight & Temperature)
तरबूज धूप-पसंद पौधा है। इसे दिन में कम से कम 6 से 8 घंटे की सीधी धूप चाहिए।
- तापमान 25°C से 35°C के बीच रहे तो पौधों की वृद्धि अच्छी होती है।
- यदि बहुत अधिक गर्मी हो, तो दोपहर में पौधों पर हल्का पानी छिड़ककर तापमान नियंत्रित करें।
8. फूल और परागण (Flowering and Pollination)

लगभग 30–40 दिनों में पौधे में नर और मादा फूल आने लगते हैं।
- नर फूल पहले आते हैं, मादा फूल में छोटे फल का संकेत दिखता है।
- अगर आपके छत पर मधुमक्खियाँ नहीं आतीं, तो हाथ से परागण (Hand Pollination) करें।
- नर फूल को तोड़कर उसका पराग मादा फूल के बीच में हल्के से रगड़ें।
- इससे फल बनने की संभावना बढ़ जाती है।
9. फल विकास और सहारा (Fruit Growth & Support)
जब तरबूज के छोटे फल बनने लगें, तो उन्हें जाली या नेट में सहारा दें ताकि वजन से बेल टूटे नहीं।
- आप नेट बैग या पुराने कपड़े का झूला भी बना सकते हैं।
- फल को नीचे की ओर एक नरम कपड़े या फोम पर टिकाएं ताकि छत की गर्मी से खराब न हो।
10. कीट और रोग नियंत्रण (Pest & Disease Management)
तरबूज के पौधों पर सामान्य रूप से कुछ कीट जैसे एफिड्स (aphids), सफेद मक्खी (whitefly) और फफूंदी (powdery mildew) लग सकते हैं।
घरेलू उपाय:
- नीम का तेल (Neem oil) और पानी का स्प्रे हफ्ते में एक बार करें।
- सड़ी हुई पत्तियाँ तुरंत हटा दें।
- मिट्टी में गंधक पाउडर की थोड़ी मात्रा मिलाने से फफूंदी नियंत्रित रहती है।
11. कटाई (Harvesting the Watermelon)
तरबूज को बीज बोने के लगभग 70–90 दिनों बाद तोड़ा जा सकता है।
कटाई के लिए सही समय पहचानने के कुछ संकेत:
- फल का निचला भाग पीला पड़ जाए।
- फल थपथपाने पर खोखली आवाज आए।
- बेल का सिरा (फल के पास वाला डंठल) सूखने लगे।
कटाई के बाद तरबूज को 2–3 दिन ठंडी जगह रखें ताकि उसका स्वाद और मिठास बढ़े।
12. उत्पादन और अनुभव
टायरों में उगाए गए तरबूज आकार में भले थोड़े छोटे हों, लेकिन उनका स्वाद बेहतरीन होता है।
यदि आप सही देखभाल करें, तो एक टायर से 2–3 मध्यम आकार के तरबूज आसानी से मिल सकते हैं।
यह तरीका पर्यावरण के अनुकूल, सस्ता और बेहद मज़ेदार है — खासकर उन लोगों के लिए जो छत बागवानी (Terrace Gardening) के शौकीन हैं।
13. अतिरिक्त सुझाव (Extra Tips for Better Yield)
- शुरुआती चरण में अधिक नाइट्रोजन वाली खाद दें, फिर फल आने पर फॉस्फोरस और पोटैशियम की मात्रा बढ़ाएँ।
- टायर को काले रंग से न पेंट करें क्योंकि इससे ज्यादा गर्मी अवशोषित होती है।
- बारिश के मौसम में पौधों को ढककर रखें ताकि जड़ों में सड़न न हो।
- हर साल मिट्टी को बदलते रहें ताकि पोषक तत्व संतुलित रहें।
निष्कर्ष (Conclusion)
पुराने टायरों में छत पर तरबूज उगाना एक स्मार्ट, टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल तरीका है। यह न केवल आपको ताजे और स्वास्थ्यवर्धक फल देता है, बल्कि बेकार टायरों का भी उपयोग करता है।
अगर आप शहरी इलाके में रहते हैं और आपको बागवानी का शौक है, तो इस टायर तकनीक से तरबूज उगाने का प्रयोग ज़रूर करें। यह आपके घर की छत को हरियाली से भर देगा और आपको मीठे, ताजे तरबूज का आनंद अपने ही हाथों से मिलेगा।